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ईश्वर की दस आज्ञाएं | Ten Commandments of God Hindi

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1. मैं प्रभु तेरा परम ईश्वर हूँ। प्रभु अपने परमेश्वर की आराधना करना। उसको छोड़ और किसी की नहीं। 2. प्रभु अपने परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना। 3. प्रभु का दिन पवित्र रखना। 4. माँ–बाप का आदर करना। 5. मनुष्य की हत्या न करना। 6. व्यभिचार न करना। 7. चोरी न करना। 8. झूठी गवाही न देना। 9. परस्त्री की कामना न करना। 10. पराये धन पर लालच न करना।

मिशन के लिए विनती

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परम प्रिय प्रभु येसु खीस्त, तू ने अपना लहू देकर संसार का उद्धार किया है। तू दीन मनुष्य–जाति पर, जो अभी तक भूल के अंधेरे और मौत की छाया में इस प्रकार पड़ी है दया की दृष्टि फेर, और सत्य का प्रकाश सबों पर पूर्णरूप से चमका। हे प्रभु अपने सुसमाचार के धर्म–प्रचारकों की संख्या बढ़ा। अपनी कृपा के द्वारा उन्हें प्रेरित कर, उनका उत्साह और थकावट सफल कर और आशिष दे कि उनकी कोशिश से सभी अविश्वासी तुझे जानें और तेरी ओर अर्थात् अपने सृजनहार और उद्धारकर्ता की ओर फिरें। भटकने वालों को अपनी शरण में, और विरोधियों को एकमात्र और सच्ची मण्डली की गोद में बुला ले। हे परम प्रिय त्राणकर्ता, पृथ्वी पर अपने अत्यंत अभिलाषित राज्य को शीघ्र स्थापित कर सब मनुष्यों को अपने हृदय की ओर खींच, जिससे स्वर्ग का निरन्तर सुख प्राप्त करके तेरे उद्धार के अनुपम लाभ में सब लोग भागी हों। आमेन। (एक बार ’’हे पिता हमारे’’, ’’प्रणाम मरिया’’ इत्यादि)

कुँवारी मरियम से ’’स्मरण कर’’ प्रार्थना

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हे अत्यन्त धर्मिष्ठ कुँवारी मरियम ! स्मरण कर कि आज तक यह कभी सुनने में नहीं आया कि तेरा कोई भी शरणागत तुझ से सहायता माँगकर तथा परमेश्वर के पास तेरी प्रार्थना की मदद चाहकर तुझ से अनसुना छूट गया हो। हे कुँवारियों में श्रेष्ठ कुँवारी ! हे मेरी माता ! इसी विश्वास को लेकर मैं तेरी शरण में दौड़ा आया हूँ। मैं शोकपूर्ण पापी तेरे सम्मुख उपस्थित हूँ। हे परमेश्वर की माता ! मेरी प्रार्थना अनसुनी न करना, किन्तु कृपा करके उस पर ध्यान देना। आमेन।

सन्त यूसुफ़ से पवित्र कलीसिया के लिए विनती

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हे सन्त युसुफ़, हम अपने दुख और कष्ट में आपके शरण लेते हैं। आपकी भी अति पवित्र दुलहिन की सहायता पहले माँग कर, हम बडे आसरे से आपकी रक्षा चाहते हैं। आप तो ईश्वर की माँ, निष्कलंक कुँवारी से पपित्र प्रेम द्वारा संयुक्त रहे। अपने पिता के प्रेम से बालक येसु को प्यार किया है। आपके उस महान प्रेम का स्मरण कर, हम हाथ जोड़कर आपसे यह विनती करते हैं कि ख्रीस्त ने अपने लहू से जिन लोगों को बचाया है, उन पर आप दयादृष्टि कीजिए। आप हमारी सब आवश्यकताओं में हमें अपनी शक्ति और सहायता द्वारा संभालें। हे पवित्र घराने के ईमानदार रक्षक, येसु ख्रीस्त की चुनी हुई सन्तानों की रक्षा कीजिए। हे अति प्रेमी पिता, धर्म की भूलचुकों से और हर बुराई से हम बच जाएँ। हे अति शक्तिमान रक्षक, शैतान की चढ़ाइयों के समय, स्वर्ग से हमें सहायता दीजिए। जैसे आपने बालक येसु को मरण की जोखिम से बचाया था, वैसे ही अब ईश्वर की पवित्र कलीसिया को शत्रुओं के फ़ंदों और हर विपत्ती से बचाइए। हम सबों को सुरक्षित रखिए। ऎसा कीजिए कि हम आपकी सहायता द्वारा, आपके समान पवित्र जीवन के बाद पवित्र मरण और स्वर्ग का अनन्त सुख प्राप्त करें। आमेन।

मृतकों के लिए प्रार्थना

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हे ईश्वर, जीवन के स्वामी, हम अपने परिवार के सभी मृत भाइ-बहनों (विशेष कर ...... ) की याद करते हुए, उनकी आत्माओं को तेरे समक्ष लाते हैं। हमारी प्रार्थना सुन और उन्हें अनन्त शांति और ज्योति के राज्य में पहुँचा कर तेरे प्रत्यक्ष दर्शन करने एवं तेरे सन्तों तथा दूतों के साथ तेरी स्तुति करने योग्य बना। हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा। आमेन। (पिता हमारे ..., प्रणाम मरिया..., पिता और पुत्र ...)

शोधकाग्नि की आत्माओं के लिए विनती

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हे येसु, जो आत्माएं तुझे प्यार करती हैं, और जिन्हें तू प्यार करता है, उनके लिए हम तुझसे प्रार्थना करते हैं। जो दाण्ड उनको उठाना है सो ठीक है। उससे तू उन्हें अपने दर्शन के योग्य बनाता है। तौभी तू चाहता है कि उनका दुख घटाने के लिए हम लोग तेरी दया का नाम लें। दया करके हमारी यह विनती सुन। हम यह कृपा माँगते हैं – उन आत्माओं की विशेष याद कर, जिन्होंने अपने जीवन में भक्तिपूर्वक तेरे हृदय की सेवा की और उसकी बडाई बढाने के लिए काम किया था। हे प्रिय येसु, यह मत होने दे कि वे और देर तक तुझ से दूर रहें। तेरा हृदय उनको प्यार करता है। उन्हें उस आनन्द में रख ले जिसको छोड वे और कुछ नहीं चाहती और जिसको तूने अपना अनमोल लहू बहा कर उनके लिए कमाया है। आमेन।

माता मरियम की माला-विनती

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पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर। आमेन प्रेरितों का धर्मसार स्वर्ग और पृथ्वी के सृजनहार, सर्वशक्तिमान् पिता परमेश्वर पर मैं विश्वास करता हूँ। ......... हे पिता हमारे.... प्रणाम मरिया.... (यह तीन बार बोलें) पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की बढ़ाई होवे..... आनन्द के पाँच भेद (सोमवार और शनिवार को) 1.गब्रिएल दूत मरियम को सदेंश देते हैं। 2.मरियम एलिज़बेथ से भेंट करती हैं। 3.हमारे प्रभु येसु जन्म लेते हैं। 4.बालक येसु मंदिर में चढ़ाए जाते हैं। 5.बालक येसु मन्दिर में पाये जाते हैं। ज्योति के पाँच भेद (गुरुवार को) 1.यर्दन नदी में येसु बपतिस्मा ग्रहण करते हैं। 2.काना के विवाह भोज में येसु अपने आप को प्रकट करते हैं। 3.मन–परिवर्तन के आवान के साथ येसु ईश्वर के राज्य की घोषणा करते हैं। 4.येसु का रूपान्तरण हो जाता है। 5.पास्का रहस्य की सांस्कारिक अभिव्यक्ति के रूप में येसु यूखरिस्त की स्थापना करते हैं। दु:ख के पाँच भेद (मंगलवार और शुक्रवार को) 1.बारी में येसु की प्राणपीड़ा। 2.येसु कोड़ों से मारे जाते हैं। 3.येसु को काँटों का मुकुट पहनाया जाता हैं। 4.येसु अपना क्रूस ढ़ोते हैं। 5.येस...

ईश्वर की दस आज्ञाऍ

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1- मैं प्रभु तेरा परम ईश्वर हूँ। प्रभु अपने परमेश्वर की अराधना करना। उसको छोड़ और किसी की नहीं। 2- प्रभु अपने परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना। 3- प्रभु का दिन पवित्र रखना। 4- माँ-बाप का आदर करना। 5- मनुष्य की हत्या न करना। 6- व्याभिचार न करना। 7- चोरी न करना। 8- झूठी गवाही न देना। 9- परस्त्री की कामना न करना। 10- पराये धन पर लालच न करना।

प्रेरितों का धर्मसार

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हम स्वर्ग और पृथ्वी के सृष्टिकर्ता, सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर में विश्वास करते हैं और उस के एकलौते पुत्र हमारे प्रभु, येसु ख्रीस्त पर, जो पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भ में आये और कुँवारी मरियम से जन्मे, पोंतुस पिलातुस के शासन काल में क्रूस पर चढाये गए, मर गए, दफनाये गए और अधोलोक में उतरे। तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे, स्वर्ग गए, सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर के दाहिने विराजमान हैं। वहां से जीवितों और मृतकों के न्याय करने फिर आएंगे। हम पवित्र आत्मा, पवित्र कैथोलिक कलीसिया, धर्मियों की सहभागिता, पापों की क्षमा, शरीर के पुनरूत्थान और अनंत जीवन में विश्वास करते हैं। आमेन।

प्रणाम मरिया

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प्रणाम मरिया कृपा पूर्ण, प्रभु तेरे साथ है. धन्य है तू स्त्रियों में, और धन्य है तेरे गर्भ का फल येसु. हे संत मरिया, परमेश्वर की माँ, प्रार्थना कर हम पापियों के लिए, अब और हमारे मरने के समय, आमेन.

प्रभु की विनती

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हे पिता हमारे, जो स्वर्ग में हैं, तेरा नाम पवित्र किया जावे, तेरा राज्य आवे, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में है, वैसे इस पृथ्वी पर भी हो. हमारा प्रतिदिन का आहार आज हमें दे, और हमारे अपराध हमें क्षमा कर, जैसे हम भी अपने अपराधियों को क्षमा करते हैं, और हमें परीक्षा में न डाल, परन्तु बुराई से बचा. आमेन.